बुधवार, 17 जून 2009
कैसे पड़ा भारत का नाम इंडिया
प्राचीन काल में भारतीय यूनानी को यवन कहते थे। जबकि यूनानी स्वं को यूनानी कहते थे। जैसा की भारत सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है. यही कारन है की, प्राचीन काल में भारत को सिंधिया कहा जाता था. इस्लाम के उदय के पहले पारसी धर्म के लोगो में स सब्द का उच्चारण ह करते है. यानि की सिंधिया सब्द का उच्चारण हिंदिया करते थे. हिंदिया से ही हिंदू, हिंदुस्तान यदि सब्द बने है। आप लोगो को मालूम है की अंग्रेज लोग डी शब्द से शिर्फ़ ड का उच्चारण करते है। जबकि भारतीय लोग ड सब्द से ड और द दोनों का उच्चारण करते है। यदि अंग्रेज हिंदिया का उच्चारण करेंगे तो हिन्डिया करेंगे। अंग्रेजी भाषा में कुछ सब्दो में अच् शब्द का उच्चारण नही होता है जैसे की प्रतिष्ठा (honour), घंटा (Hours) में अच् सब्द का नही होता है। यहाँ अंग्रेज लोग अच् शब्द हटा दे तो अंग्रेज लोग हिंदिया का उच्चारण करेंगे तो इंडिया करेंगे। यह बात भी सत्य है की प्राचीन काल यूनानियों की कोई शब्कोष नही था. तो यह सम्भव है की यूनानी लोग हिंदिया का उच्चारण इंडिया करने लगे होंगे. वर्तमान में कोई अंग्रेज यदि ग़लत प्रचार कर रहे है की इंडो शब्द से हिंदू बना है। तो यह ग़लत है।
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बढियां जानकारी -शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंअच्छा होगा कि आप इस बारे में और जानकारी एकत्र करें ।
जवाब देंहटाएंइस बारे में जानना चाहें तो http://subeerin.blogspot.com/2009/05/blog-post_14.html यहां देखें
जवाब देंहटाएंjankari ke liye aabhar.narayan narayan
जवाब देंहटाएंबढियां जानकारी -शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंइतनी अनोखी जानकारी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया,,बेहतरीन जानकारी और खोज
जवाब देंहटाएंसही फ़रमाया है आपने
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंआप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
जवाब देंहटाएंलिखते रहिये
चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
गार्गी
अरे वाह, पहली बार यह ज्ञान मिला। शुक्रिया।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
आपको पिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...
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चाँद, बादल और शाम | गुलाबी कोंपलें
hamahri jigyasha shant nahi hui hai,kuch esa mera manna hai ki koi khudai se prapt shilalekh ya prachin itihaskaron ka shrodhkarta aadi logo ka jigkra aana chahiye tha,par jitna aapne btaya hai ya gyaanwardhan diya hai uske liye ham aap k abhari hein aur shukriya ada karte hein
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